Friday 12 December 2014

अच्छे लोग ..!

                आज अच्छे लोगो की ही बात करते है , सबसे पहले उन लोगो की बात करते है जो हम सब को यात्रा के दौरान मिल जाते है बस मे भयंकर भीड होती है खडा होने की जगह भी नही होती इतने मे कोई उठ कर कहता है "सर ! आप यहाँ बैठ जाये"  ऐसा मेरे साथ बहुत बार हुआ है आप लोगो के साथ भी ऐसा जरूर हुआ होगा, कई ऐसे लोग भी है जो कभी किसी महिला को, कभी किसी बुढे लोगो को, कभी किसी बीमार लोगो को अपनी सीट दे देते है लेकिन हम ये बाते ज्यादा याद नही रख पाते जल्दी ही भूल जाते है,ऐसे कई उदाहरण देखने को मिल जायेंगे कभी बस स्टेंड पर पानी पीलाते लोग,कभी सर्दियो मे कम्बल बाँटते लोग, सब अच्छे लोग ही तो है,
             दुनियाँ मे अच्छे लोगो की कमी नही है,लेकिन कब कौन किसके लिये बुरा बन जाये कह नही सकते तुलसीदास जी सुंदर कांड मे लिखते है जो कार्य सीता के लिये शगुन हो रहे थे वे ही कार्य रावण के लिये अपशगुन हो रहे थे,इसलिये कई अच्छे काम किसी किसी के लिये बुरे बन जाते है,चिकित्सको का ओपरेशन करना अच्छा काम है लेकिन जहरीली दवा से मौत को प्राप्त करना बुरा काम है सरकार जब भी अच्छे काम करती है उसका उल्टा ही असर होता है सरकार मँहगाई कम करती है तो साहुकार के घर मे मातम और मँहगाई कम ना करे तो मजदूर के घर रोना धोना शुरू,अब सरकार ने एक सपना दिखा दिया "अच्छे दिन आने वाले है"
              अच्छा काम कुछ लोग तो लोगो को दिखाने के लिये करते है, कुछ लोग अहंकार पुष्ट करने के लिये करते है और कुछ लोग इंकमटेक्स बचाने के लिये भी करते है,हर अच्छे काम का अपना अपना क्षेत्र है आज कल एक अच्छा काम जोरो पर है" सफाई करो" ,पहले ये काम "आप"कर रहे थे और अब मोदी जी कर रहे है इसका बडा असर हुआ है कोंग्रेस साफ हो गई , और तो और कई पाखँडी भी साफ हो गये ,और कई सफाई की लाइन मे है,जल्दी ही उनका भी सफाया होने वाला है,
               ये अच्छे लोग रहते कहा है तब पता चला ये हम सब मे ही कोई है,शायद मै भी हो सकता हुँ,आप भी हो सकते है ये मन से उत्पन्न एक भाव है जो इंसान को अच्छे काम करने के लिये प्रेरित करता है ये मन के भाव ही होते है जो अच्छे बुरे काम करने के लिये मनुष्य को तैयार करते है ,अब बाबा योगगुरू को ही देखो भाव जगा तो ऐसा जगा कि योग को पुरे विश्व पटल पर ला खडा किया,अब ये बुरे लोग कहा रहते है तो पता चलता है ये भी अपने मे से ही बन जाते है,एक छोटी सी दुकान मे एक चपरासी के साथ काम शुरू करने वाला आम इंसान आज सहारा जैसी कम्पनी का मालिक बन गया,बहुत उदाहरण है अच्छे लोगो के भी और बुरे लोगो के भी,चाय वाला पीएम,पेट्रोल वाला रिलायंस,रिक्सा वाला आसाराम,सब अपने मे से ही है,
                हम सब जानते है कि ये सब अफसर,नेता,बाबा ,बाबु ,अपने जैसे ही है बस मन के भाव की बात है,आजकल एक बाइक का विज्ञापन आता है जिसमे तीन लडके होते है और तीनो अपनी अपनी बाइक की तारीफ करते है और अन्त मे उनका पिता आता है और कहता है "खून तो एक का ही दोडता है"