Thursday 11 June 2015

आँसु निकल आते है..

                   अनजानी राहो पर कभी युँ ही पहुँच जाते है
                जवानी की दहलीज पर कदम बहक ही जाते है
रो पडते है देखकर जवानी की रंगीन तस्वीर
कभी बीते हुये दिन फिर लौट कर  नही आते है,
                     बनी हो तकदीर तो मित्र हजार होते है,
                  गर्दीश ए हालात मे अपने भी छोड जातेहै,
जिनके आने की खुशी दीप जलाकर मनातेहै
एक दिन वे ही रूलाकर चले जाते है
               दोस्तो के बीच बैठे हँसते रहते है हम,
               वो ही दोस्त एक दिन दुश्मन बन जाते है,
अपने जब गैरो से मिलकरबेगाने हो जाते है,
रो उठते है दिल और मन दहक जाते है,
               प्यार करते हो जिससे,तोड जाये गर वह दिल
               ,तो आँखो मे खुद-ब-खुद आँसू निकल आते है