Friday 30 October 2015

अब ढींगे हाँकना बंद करो...

अब ढींगे हाँकना बंद करो....


          मै एक बच्चे को, जो खाना नही खाता था उसे भूख का महत्व समझा रहा था कि जब भुख लगती है ना, तो आदमी कुछ भी कर सकता है महाभारत के एक प्रसंग का भी जिक्र किया जिसमे बताया गया था कि जब महाभारत का युद्ध समाप्त हो गया था तब राजमाता गांधारी युद्ध भुमी मे विलाप कर रही थी भगवान कृष्ण ने बहुत मनाया और समझाया कि घर चलो अब विलाप करने से कुछ नही होगा लेकिन वह नही मानी,वही पर रोती कलपती रही रात होने लगी और भूख ने भी अपना प्रभाव दिखाना शूरू किया और गांधारी भूख से तडफने लगी लेकिन अब उस युद्ध भूमी मे भोजन कहा था चारो तरफ लाशो के ढेर पडे थे गांधारी भूख से तडफ रही थी वह उठी और भोजन की तलाश कर ने निकली उसे बेर की खुशबू आई वह झाड के पास गई और बेर तोडने के लिये हाथ बढाया लेकिन हाथ नही पहुँचा, तब उसने अपने बच्चो की लाशो का ढेर लगाया और उस पर खडी होकर बेर तोडने लगी, तभी भगवान कृष्ण वहा प्रगट हो गये और भूख का महत्व समझाया,

          इतना कहने के बाद मै बच्चे को समझाने लगा कि भूख बहुत खतरनाक होती है अब बच्चे की बारी थी बोला – अंकल अब ढींगे हाँकना बंद भी करो ये फालतू के  उदाहरण देना बंद करो हम इन फालतू बातो से बहकने वाले नही है आप मुझे ये बताओ कि वह अंधी औरत उसे कुछ दिखता नही वह बेर के झाड के पास कैसे गई ? वहा मृत शरीरो की बदबू आ रही थी तो उसको बेर की खुशबू कहा से आई, कई दिनो से युद्ध चल रहा था तो कितनी सेनाये वहा भगदड मचा रही थी फिर वह झाड कैसे बच गया ये सब झुठी बाते है फालतू बातो से हम जैसे बच्चे अब मानने वाले नही है,और कोई बात हो तो बताओ, मुझे ऐसे लगा कि ये कितना सोचते है इन्हे अब कितनी समझ आगई है हर बात का विश्लेषण करते है ये एक अच्छी बात थी

          यह एक छोटा सा उदाहरण था जो यह इंगित करता है कि ये कितने तेज और समझदार होते जा रहे है किसी भी सुनी सुनाई बात पर भरोसा नही करते, इनमे कितनी समझ आ गई है लेकिन एक जगह ऐसी है जहाँ हम हर बार मात खाते है वहा एनालाईसिस नही कर पाते वह जगह है हमारे चुनाव ...हमारे नेता...., चुनावो मे हमेशा मात ही खाते है सब जानते है लेकिन हर बार धोखे के  अलावा हमे कुछ भी नही मिलता,

          लेकिन अब आज का युवा इस बात को भी  बडी गंभीरता से ले रहा है, वह जान गया है अब फालतू ढींग हाँकने वाला हमे बार-बार धोखा नही दे सकता, अब बदलाव सम्भव हो सकता है एक बात सब मे कोमन नजर आती है कि सभी जन इस फालतु प्रपंच से निजात पाना चाहते है इन ढोंगी बाबाओ का फालतू प्रवचन और इन नेताओ के झुठे आश्वासन,झुठे भाषण,झुठे आडंबर से तंग आ गये है अब सब लोग यह कहने की हिम्मत जुटा चुके है और कहने लगे है कि – अब ढींग हाँकना बंद करो.....   
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