Sunday 22 November 2015

***महारत हासिल करनी है ....

***महारत हासिल करनी  है ....


        मुझे लिखने का बडा ही शौक है मुझे जब भी वक्त मिलता है मै लिखना ही पसंद करता हुँ लेकिन मेरा लिखा हुआ लोग पढते है या नही मुझे मालूम नही था जब मैं ने ब्लोग पर पोस्ट लिखना शुरू किया और लोग मेरे फोलोवर बनने लगे तब मुझे पता लगा कि मेरी लिखी हुई बांतो को लोग पढते है

        मै ने कल ही किसी दार्शनिक का कथन पढा था कि “यदि आप अपना मन पसंद काम कर रहे है तो आपको कही भी धन कमाने के लिये जाने की जरूरत नही है, आप लगातार अपना काम मन लगा कर करते रहे,और उस काम मे महारत हासिल करले, धन अपने आप आपके पास आ जायेगा”
मुझे यह बात बहुत ही पसंद आ गई, और मै ने इसे जीवन मे उतारने का मन बना लिया है, 


        मुझे ऐसी बहुत सी बाते याद है जो लोग किसी काम मे लग जाते है और उस काम  के विशेषज्ञ बन जाते है तो लोग उनको खोजते हुये आ जाते है, इसका एक उदाहरण अलवर के कम पढे लिखे एक व्यक्ति का  है उसे अपने मनपसंद काम ऐंड्रायड मोबाइल के लिये ऐप्पस बनाने  मे जब  आनंद आने लगा और उसके पास कोई खास सुविधाये नही  होने के बावजूद वह काम को करने लगा और  वह अपने काम का माहिर हो गया तो उसने वह करके दिखा दिया जिसे पढे लिखे इंजीनियर भी नही कर सके थे,काम  मे माहिर होने पर जब उसके बनाये ऐप्स को प्रधानमंत्री जी से सराहना मिली और रातो रात वह सुर्खियो मे आ गया और धन भी उसके पास चला आया,

         अब पता यह करना होता है कि मुझे सबसे ज्यादा पसंद क्या है इसके लिये ध्यान लगाना पडेगा कि क्या  काम सबसे ज्यादा अच्छा लगता है, कहते है प्रकृति मे कोई भी वस्तु बिना काम के नही बनाई गई है संस्कृत मे एक श्लोक है “अमंत्रम अक्षरम नास्ति, नास्ति मूलमनोषधम, अयोग्य पुरूषो नास्ति ......” मतलब यह है कि  सभी के लिये कोई ना कोई काम जरूर तय किया हुआ  है जब आप और हम अपना मन पसंद काम करते है तो उस काम मे प्रकृति अपना पुरा सहयोग करती है, कहते है कि “जब किसी काम को सिद्धत से किया जाता है तो पुरी कायनात उसे पुरा करने  मे सहयोग करती है
 
         कुछ लोग जीवन भर भटकते रहते है उन्हे समझ मे ही नही आता कि मुझे क्या करना है और क्या नही जीवन निकल जाता है और बस हतासा हाथ लगती है, फिर कई गलत कदम उठा कर जीवन को नर्क बना लिया जाता है जिस काम मे यदि सफलता नही मिल रही है तो इसका मतलब यह है कि उस काम मे आपकी रूचि नही है जब रूची नही होगी तो काम को सही ढंग नही किया जा सकता इसी लिये कहते है  कि “असफलता का मतलब कि सफलता के लिये प्रयास पुरे मन से नही किया गया” बस यही बात है कि काम मे दिल नही लगा पाये,

         मेरे पिताजी कहते थे कि “बेटा काम वही करो जो तुम्हे आनंद की अनुभुति करवाये” मतलब साफ है काम मन पसंद का करना चाहिये, अब मुझे कुछ कुछ समझ मे आ रहा है कि मन पसंद काम मे महारत हासिल करनी है

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