इस ब्लोग मे मेरे मन के भाव है ये मन हवा की तरह बहता रहता है नदिया की तरह हिलोरे लेता है लेकिन कभी हवा तूफान बनती है कभी मंद बयार, इसी तरह नदिया भी कभी निर्मल जलदायी है तो कभी भयंकर बाढ.. इसमे है हास्य,व्यंग्य,प्रेम,और गलत के प्रति क्रोध..
Sunday 1 April 2018
अंधेरा घिर आने से पूर्व Andhera ghir aane se purva...
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