मै बदलना चाहता हुँ ...!!!!
आज मुझे मेरे अंदर एक बदलाव करने की तलब सी लग रही
है मै चाहता हुँ कि मै बदलाव करू जो कुछ दुनियाँ मे हो रहा है उसे बदल कर एक नही
दुनियाँ बना दुँ बहुत कोशीश करता फिरता हुँ मेरे अन्दर एक अपरिचित सी छाया फैल रही
है मेरी काया मेरे बस मे नही है यह सब
क्या हो रहा है पुरी दुनियाँ एक दुसरे लोगो की दुश्मन होती जा रही है हर हर करके
घर घर बनाने वाले अब सब कुछ जुमला बता रहे है पुरा तंत्र खराब हो रहा है चारो तरफ
हा हा कार मचा है कोई आतंकवाद से पीडित है कोई भ्रष्टाचार से परेशान है कोई
बेरोजगारी से त्रस्त है कोई बिमारी से ग्रस्त है, अब तो लोग मूल
भूत आवश्कताओ के लिये तरस रहे है पानी तक नही मिल रहा है लोगो को,भोजन के लिये भटक रहे है क्यो ये सब हो रहा है यह सब अपने देश की ही नही इस
पुरी दुनिया की भ्रष्ट व्यवस्था के कारण
हो रहा है या यहाँ के लोग परस्पर ही भ्रष्ट हो गये है कुछ भी समझ मे नही आ रहा है
मै तो चाहता हुँ सब कुछ बदल दुँ एक नई दुनिया बसा दुँ लोग उस दुनिया मे खुसी खुसी
रहे और आनंद से जीवन व्यतीत करे लेकिन यह सब कैसे संभव हो सकता है अकेला चना क्या
भाड फोड सकता है,
मै इस सोच मे डुबा हुआ विचार कर ही रहा था कि मेरे
परम मित्र श्रीमान बल्डुजी महाराज आ गये,बोले – भक्त !
वेदप्रकाश ! किस उलझन मे पडे हो बेटा ?, मै ने अपनी सारी पीडा
बता दी कहा – प्रभु ! मै इस दुनिया को बदलना चाहता हुँ इसे मेरे अनुकूल बनाना
चाहता हुँ कोई उपाय हो तो बताये ? ,
बल्डु जी ने तो जैसे मेरे जबाव का उत्तर जेब मे ही डाल रखा हो झट से एक चस्मा जेब
से निकाला और बोले – ले भक्त ये आंखो पर लगा ले, मै ने वह
चस्मा आंखो पर लगाया तो सब कुछ हरा हरा ही दिखने लगा, मै ने
कहा – महाराज सब कुछ सावन के अंधे की तरह
हरा ही हरा दिखाई दे रहा है इसका क्या मतलब है, मेरे मित्र
बल्डु जी महाराज ने बडे ही अदब से बताया कि – डाक्टर साब कुछ भी समझ मे नही आया या
जानबूझ कर अनजान बन रहे हो ? , अब
अनजान बन ही रहे हो तो बता देता हुँ कि यह चस्मा ही है जो दुनियाँ को अपने अपने
हिसाब से देखने के लिये लोगो ने आंखो के आगे लगा रखा है बस चस्मा हटा दो तो
दुनियाँ तो बहुत ही सुंदर है सब कुछ व्यवस्थित है आपको यदि बदलना ही है तो दृष्टि को
बदलो स्रष्टि को बदलने की कोशीश मत करो,
मै ने पुछा – यार
बल्डु यह सब तेरे जैसे झाहिल गंवार आदमी के दिमाग मे कहाँ से आ जाती है ये बाते, तुझे ये सब कौन बताता है? बल्डु ने फिर अपनी जेब मे
हाथ डाला मै ने बीच मे ही टोक दिया – ये सारी समस्याओ का हल तु जेब मे ही लिये
फिरता है क्या?
वह थोडा मुस्कराया और बहुत ही आदर
और गम्भीर शब्दो मे बोला – मेरी जेब मे
तेरी समस्याओ का हल ही नही पुरी दुनिया की समस्याओ का समाधान भरा पडा है, और देख यह है श्री श्री 1008 श्री बाबा ऐंड्रायड मोबाईल मुनि जी, ये महाराज जी बोलते नही है इसमे ऐसे ऐसे सेवक काम करते है जो सभी समस्याओ
का हल लिये आपकी सेवा मे आपको मिल जाते है जैसे वाट्सअप फेसबुक हाईक... पता नही
क्या क्या है एक तो गुगल मुनि है उनसे तो आप कुछ भी पुछो बाबा एक के बदले दस बताते
है, बस इस झाहिल और गंवार की विद्ध्वता का राज यही है ये ही
सुबह से लेकर शाम तक हजारो प्रकार के देशी दवा के नुस्खे से लेकर महाव्याधि तक के
उपचार बताते है ये ही तरह तरह के ज्ञान की बाते
बताते है बिना बोले आपको सब दिखा देंगे मंगला आरती से लेकर शयन आरती तक सब
के दर्शन इसमे हो जाते है,
वह बोले जा रहा था एक से बढकर एक
गुणो का बखान कर रहा था, मै चुपचाप सुन रहा था उसकी कथा चल
रही थी वह फिर से बोला – देख कौशिक ! इसमे तु भगवान के भजन,रामचरित
मानस की चौपाई,गीता के श्लोक कुछ भी सुन सकता है लोगोको सुना
सकताहै, और तो और तु फेसबुक पर किसी भी प्रकार की भडास निकाल
सकता है और तो और वाट्सअप पर ग्रूप बना कर किसी भी प्रकार की राजनीति कर सकता है
बिना गला फाडे तु चिल्ला सकता है
अब मेरे सब कुछ समझ मे आ रहा था मुझे लग रहा था कि खुद
को बदलने का विचार त्याग कर मुझे अभी तो मेरा मोबाईल बदल लेना चाहिये
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