मै अच्छा हूँ या बुरा हूँ, मुझे पता नही।
कुछ लोग मुझपे मरते है,कुछ मारने को तैयार है।।
कहते है कुछ लोग , भला इंसान है "वेद" ।
कुछ लोगो की आंखो में जलन होती है मुझे देखकर ।।
लोग मिलने को तरसते है , मिलने आते है बार बार ।
किसी से जब मैं मिलता हूँ, तो मुँह फेर लेते है ।।
कहते है कुछ लोग , बहुत धार्मिक है "वेद प्रकाश"।
किसी किसी को मेरी पूजा , लगती है बकवास ।।
किसी को लगता है , मेरा स्वभाव सहयोगी है ।
कुछ तो मुझे विखंडन का , पर्याय कहते है ।।
मेरे काम की तारीफ़ होती है, कभी कभी ।
कभी कभी मुझपे , उलाहनों की बरसात होती है ।।
मेरा चरित्र चारों तरफ मेरी चर्चा करवाता है।
कोई चरित्र "वान" कहते है, तो कभी कोई हीन कहता है।।
जिसको जैसा देखना है , देखले जी भर कर।
मैं बचपन से आज तक, जैसा था वैसा ही हूँ मगर ।।
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